संचालनाय महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिनांक
09/02/2018 को पत्र क्र
.10311/म
.बा
.वि
/आईसीपीएस
/17-18 के आदेषानुसार संस्था द्वारा मुंगेली जिले में
50 बच्चो की क्षमता वाले बालगृह
(बालक
) केन्द्र का संचालन किया जा रहा हैं।
वर्ष
2018-19 अंतर्गत बालगृह
(बालक
) केन्द्र में कुल
13 बालकों का आगमन हुआ जिसमें
09 बालकों को उनके अभिभावकों के पास पुर्नवास किया गया
, 01 बालक को मानसिक चिकित्सा केन्द्र सेन्ट्री
(बिलासपुर
) में उपचार हेतु भेजा गया है तथा शेष
03 बालक बालगृह
(बालक
) केन्द्र में निवासरत है एवं पाठषाला में अध्ययनरत् हैं।
संस्था द्वारा बालगृह
(बालक
) केन्द्र में निवासरत बालको हेतु उनके भोजन व्यवस्था
, शयन व्यवस्था
, मनोरंजन की व्यवस्था
, खेलने की व्यवस्था एवं उनके षिक्षा की व्यवस्था की गई हैं। प्रत्येक माह बालको का स्वास्थ परीक्षण भी कराया जाता हैं। संस्था द्वारा शासन के आदेषानुसार बालगृह
(बालक
) केन्द्र में
14 कर्मचारीवृन्द की नियुक्ति की गई है। जिनके द्वारा अपने कार्य दायित्वों का निर्वहन उचित ढंग से किया जाता हैं।


संस्था के समस्त क्रियाकलापों एवं व्यवस्थाओं का समय-समय पर विभागीय अधिकारीयों एवं अन्य अधिकारीयों द्वारा निरिक्षण किया जाता हैं।

| क्र | वर्ष में आये बालकों की संस्था | कुल पूनर्वास/नियुक्त किये बालकों की संस्था | वर्तमान में निवासरत बालकों की संस्था | रिमार्क |
| 1 | 13 | 09 | 04 | निवासरत बालकों में 01 बालक मनोचिकित्सा केंद्र सेन्ट्री बिलासपुर में उपचार हेतु हैं। |

प्रस्तावना :-
मुंगेली जिले में बालगृह
(बालक
) केन्द्र का संचालन महाकौषल विकास समिति के द्वारा
20/03/2018 से विधिवत् किया जा रहा है। संस्थान में विधि का अभिकथित उल्लंघन करने पाए जाने वाले बालकों और देखरेख तथा संरक्षण के जरूरतमंद बालकों के सर्वोत्तम हित न्याय निर्णयन और निपटारे बालको के प्रति मित्रवत् दृष्टिकोण अपनाते हुए समुचित देखरेख, संरक्षा
, विकास
, उपचार
, समाज में पुनः मिलाने के माध्यम से उनकी मूलभूत जरूरतों को पुरा करते हुए बालकों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना और बालकों का सर्वोत्तम विकास करना ही संस्था का मुख्य लक्ष्य है।
उद्देष्य :-
किषोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के अनुसार मुख्य उद्देष्य :-
जिसके बारे में यह पाया जाता है कि उसका कोई घर या निष्चित निवास स्थान नही है, जिसके पास जीवन निर्वाह के कोई साधन नही है उनको संरक्षण प्रदान करना।
श्रम विधियों का उल्लंघन करने वाले या पथ पर भीख मांगने वाले बालकों को संरक्षण प्रदान करना ।
बालकों को मारने उसे क्षति पहुचाने, उनका शोषण करने वाले बालको को संरक्षण प्रदान करना।
बाल कल्याण समिति के द्वारा अयोग्य या असमर्थ पाये गये बालकों को संरक्षण प्रदान करना।
जिसके माता-पिता नही है और कोई भी उसकी देखरेख करने का इच्छुक नही है या जिसके माता-पिता से उसका परित्याग या अभ्यर्पण कर दिये ऐसे बालको की संरक्षण प्रदान करना।
संस्था के द्वारा बालकों को प्रदान की जाने वाली सेवाएं :-
01 संस्था में आगमन पष्चात् 24 घण्टे के अंदर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाता है।
बालको को रोजगार हेतु शैक्षणिक प्रषिक्षण दिया जा रहा है।
बालको को सर्वागिण विकास प्रषिक्षण/कार्यषाला लगाया जाता है।
04 इन्डोर/आउटडोर खेल की सुविधा प्रदान किया गया है।
05 शैक्षणिक प्रषिक्षण हेतु बालकों को स्कूल में भर्ती कराया जाता है।
| क्र | प्रवेश दिनांक | बालक का नाम | उम्र/जन्म दिनांक | मुक्ति का प्रकार |
| 01 | 25/05/2018 | विजय राजपूत | 05/04/2001 | पुर्नवास |
| 02 | 06/06/2018 | सत्यप्रकाष साहू | 04/01/2005 | पुर्नवास |
| 03 | 11/06/2018 | सूर्यप्रकाष साहू | 17/02/2003 | पुर्नवास |
| 04 | 13/07/2018 | मनमोहन यादव | 08/04/2010 | पुर्नवास |
| 05 | 23/07/2018 | करण गोंड | 15/10/2005 | निवासरत् |
| 06 | 10/08/2018 | नारायण गेंदले | 30/04/2001 | स्थानांतरण |
| 07 | 24/08/2018 | राकेश यादव | 03/08/2009 | निवासरत् |
| 08 | 03/10/2018 | सत्यप्रकाष साहू | 04/01/2005 | निवासरत् |
| 09 | 05/10/2018 | पवन जोषी | 14 वर्ष | स्थानांतरण |
| 10 | 15/10/2018 | इदरीष खान | 15 वर्ष | पुर्नवास |
| 11 | 15/10/2018 | युसुफ खान | 10 वर्ष | पुर्नवास |
| 12 | 18/01/2019 | नारायण गेंदले | 30/04/2001 | चिकित्सा हेतु सेंदरी स्थानांतरण |
| 12 | 20/02/2019 | शैलेष टंडन | 14 वर्ष | पुर्नवास |
बालकों को बालगृह (बालक) में रेसीडेन्सीयल फेसिलिटिज उपलब्ध करायी जाती है।
बालगृह (बालक) मुंगेली (छ.ग.) में निवासरत् बालकों का विवरण
निवासरत् बालकों की संख्या :- 04
अब तक विमुक्त हुए बालकों की संख्या :- 09